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पितृ ऋण को कभी भूलना नहीं चाहिए इसलिए पितृ पक्ष में तर्पण, श्राद्घ करे। पूरा विधि विधान यहां पढे

सावन विशेष: पाताल लोक और नागलोक का रास्ता इस शिवनगरी में होने की मान्यता।